Tu Jhuthi main Makkar review- राॅम काॅम के लिफाफे में संस्कारों की सुंदर कहानी, लव रंजन फिर बने चैंपियन

Tu Jhuthi main Makkar review-निर्देशक लव रंजन न्यू मिलेनियल्स कौन सिनेमा बनाने वाले फिल्मकार हैं |रिपोर्ट कार्ड भी उनका एक शानदार रहा है| और पूरी दुनिया को करीब से समझते हैं| संस्कार उनमें अभी गाजियाबाद वाले बाकी है| उनका सिनेमा सीधा सपाट धरातल पर नहीं चलता है| वह सुंदर से दिखने वाले रनवे से चेकअप करता है| ऊंचाई पर पहुंचने से पहले खराब मौसम से गुजरता है| दशक किसी मुसाफिर की तरह घबराता है लेकिन मंजिल से पूछने से पहले लव भरोसेमंद पायलट बनते हैं| और कहानी को फिर से उस रनवे पर उतार लाते हैं जहां ‘अंत भला तो सब भला सोच’ कर दशक खुशी-खुशी उनके साथ हो लेते हैं| पोस्ट क्रेडिट सीन वह मजेदार लिखते हैं फिल्म ‘तू झूठी में मक्कार'(Tu Jhuthi main Makkar review) में एक रूमानी मजेदार फिल्म दिखती है| लेकिन यह प्रेम का दरिया है जिस में डूब कर तो जाना ही है| साथ ही जिन जनों से उसमें पानी आया है इसका स्रोत फिल्म दिखाती है| साथ में कार्तिक आर्यन भी है| और नुशरत भरुचा भी है| लेकिन यह फिल्म सिनेमा के सहारे दर्शकों की समझने की तरफ रंजन का बड़ा एक ठोस कदम है|

Tu Jhuthi main Makkar review
Tu Jhuthi main Makkar review

What is Ranbir’s nickname in Tu Jhoothi main makkaar?

-पारिवारिक रिश्तो की भावुक प्रेम कहानी

फिल्म ‘तू झूठी में मक्कार'(Tu Jhuthi main Makkar review) में एक ऐसे लड़के की कहानी है जो अपने परिवार से बेइंतहा प्यार करता है| वह उस सोच का लड़का है जो अपनी प्रेमिका के लिए तारे तोड़ने जाएगा तो कुछ तारे अपनी दादी अपनी मां और अपनी बहन के लिए भी तौर पर लाना चाहता है| वह चाहता है कि उसका प्रेम मुश्किल जीवन में सहज तरीके से बेहता रहे| प्रेम का जो स्रोत है उसका परिवार है| और वह अपनी प्रेमिका को यह समझ आता भी है| कि अगर स्रोत ही टूट गए तो प्रेम की गंगा में आएगा कैसे सवाल इतना मार्मिक है| कि इसके पहले फिल्म में टाइमपास के नाम पर जो कुछ भी निर्देशक लव रंजन ने दिखाया उसे साफ माफ कर देने का मन करता है| फिल्म रिश्ते में सवालों की कमी की भी बात बहुत सही तरीके से करती है| एक अच्छा बेटा अपने परिवार को लेट करने की जिद में अपना प्रेम छोड़ने को तैयार है| एक प्रेमिका है जो अपने होने वाले पति को उसके परिवार के साथ बांटना नहीं चाहते और यह दोनों के सोचने का अपना-अपना नजरिया है| फिल्म ‘तू झूठी में मक्कार'(Tu Jhuthi main Makkar review) यह बताती है कि प्रेम की दुनिया बदल चुकी है| इसे घर परिवार के बीच बदल कर तो देखो|

Tu Jhuthi main Makkar review-लिफाफा कुछ और मजमून कुछ और

वैसे फिल्म ‘तू झूठी में मक्कार‘(Tu Jhuthi main Makkar review) का प्रचार प्रसार जिस तरीके से किया गया है| वह नई पीढ़ी के युवाओं को लुभा नहीं पाया है| हिंदी सिनेमा को इसलिए अपनी प्रचार तकनीक बदलने बहुत जरूरी है| एक पारिवारिक फिल्म को एक मक्कार लड़के और एक झूठी लड़की की प्रेम कहानी बता कर प्रचारित करना बिल्कुल जरूरी नहीं था| क्योंकि यह फिल्म वही है ही नहीं| शुरुआत फिल्म की जरूरत इस बात से होती है कि एक खाते-पीते दक्षिण दिल्ली में बसे परिवार का लड़का और शौकिया तौर पर लोगों के ब्रेकअप बहुत ही पेशेवर तरीके से कराता है| दोस्त की बैचलर पार्टी में उसकी मुलाकात साथ आई एक लड़की से होती है| दोनों टाइम पास वाला प्यार करने की योजना बनाते हैं’ हम बिस्तर भी होते हैं| लेकिन दिखावे का प्यार करते करते दोनों को असली प्यार हो जाता है| बात शादी तक आती है तो लड़की का मन डोल जाता है| और वह अपने ब्रेकअप कर अपने होने वाले पति को ही दे देती है|यह भी पढ़ेंविराट अनुष्का भस्मआरती में भी हुए शामिल

होली के मौसम की रंग बिरंगी 

‘हैप्पी न्यू ईयर’ ‘बागी 3’ और ‘कबीर सिंह’ वाले सिनेमा सिनेमैटोग्राफर संथानकृष्णन रविचंद्रन को निर्देशक रवि रंजन ने पहले फ्रेम से ही समझा रखा है है कि गुरुग्राम हो या स्पेन हर फ्रेम बहुत ही भव्य और शानदार दिखना चाहिए| यह कहानी की आत्मा को पकड़े रखते हुए ऐसा करते भी हैं| लव रंजन के निर्देशन की यह खूबी यही है कि दर्शक को अपने साथ जोड़कर कहानी को आगे बढ़ाना चाहते हैं| हल्लाकी फिल्म ‘तू झूठी में मक्कार'(Tu Jhuthi main Makkar review) में इंटरवल तक फिल्म के साथ खुद को जोड़े रखने में दर्शकों काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है| रणबीर कपूर और श्रद्धा कपूर अपनी पिछली फिल्मों के भाव और भावनाओं को ही दोहराते दिखते हैं| लेकिन फिल्म इंटरवल के बाद एकदम से पलटी मारती है, अपनी अपनी दुनिया को ही सही मानने वाले दो प्रेमियों की दुनिया जब बाकी किराएदार उनकी दुनिया की तरफ से दिखनी शुरू होती है तो फिल्म के तेवर कलेवर सब बदल जाते हैं| बीच-बीच में हंसी का पंचनामा भी आता रहता है जैसे एयरपोर्ट पर मिकी की मां इमीग्रेशन ऑफीसर से कहती है ‘हम साथ साथ हैं’ तो जवाब मिलता है ‘हम आपके हैं कौन’

रणबीर और श्रद्धा के अभिनय की शोरील

फिल्म तो ‘तू झूठी में मक्कार'(Tu Jhuthi main Makkar review) एक तरह से रणबीर कपूर और श्रद्धा कपूर की अभिनय क्षमता की नई शोरील है| पिछली कुछ फिल्मों में रणबीर जो दिखाने से चूक गए उसकी कमी वह इस फिल्म में पूरी करते दिखते हैं| इस हीरो के भीतर अपनी माता नीतू कपूर और पिता ऋषि कपूर के अभिनय के रंगों का खजाना है| इसे बस यही सही कहानियों का मानसून चाहिए| श्रद्धा कपूर को अपनी कलाकारी दिखाने का मौका ‘स्त्री’ और ‘छिछोरे’ के काफी अर्से बाद मिला है| और उन्होंने क्लाइमैक्स के ठीक पहले अपने प्यार को जताने वाले दर से मैं दर्शकों का दिल जीतने में कामयाबी पाई|

डिंपल और बोनी कपूर का अच्छा साथ

फिल्म ‘तू झूठी में मक्कार'(Tu Jhuthi main Makkar review) को इंटरवल के बाद जिस तरह से एक पारिवारिक फिल्म में बदला है उसके लिए वह सारे किरदार कहानी के साथ साथ ही शुरू से बनते रहे| आयशा रजा मिश्रा और अनुभव सिंह बस्सी थोड़े नौटकी तो लगते हैं| लेकिन दिल्ली के पंजाबी परिवार के होते ही ऐसे हैं| मां के किरदार में डिंपल कपाड़िया अब वहीदा रहमान को मात देने लगे हैं| बोनी कपूर को अभिनय करते देख सुखद लगता है| इस फिल्म के बाद में अभिनय के प्रस्ताव और आते हैं तो उन्हें इसके लिए मना नहीं करना चाहिए|

प्रीतम और अमिताभ ने भी जमाया रंग

फिल्म ‘तू झूठी में मक्कार” की कमजोर कड़ियां हैं फिल्म कम से कम 20 मिनट छोटी हो सकती है| उनका इंटरवल से पहले और बाद में बस 10 मिनट कर के एक पोस्ट फिल्म के तौर पर यह फिल्म बेहतरीन फिल्म लगती है| फिल्म के गाने अच्छे हैं प्रीतम ने आपसे बात ताजगी का एहसास देने वाले गाने रचे हैं| और इसमें उन्हें गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य का अच्छा साथ मिला है| प्यार होता है कई बार फिल्म का सबसे अच्छा गाना है रणबीर कपूर की आकार इसमें सही इस्तेमाल भी लव रंजन करने में सफल रहे इन दोनों के अलावा अजीत सिंह अपनी खास रंग दिखाते है खासतौर से उन परिवार को यह फिल्म जरूर अच्छी लगेगी जहां दकियानूसी विचार टूट रहे हैं| और बच्चों को खुलकर उनकी जिंदगी जीने देने में वह बाधा नहीं बनना चाहते|

Tu Jhuthi main Makkar release date

8 march 2023

Who is the director of Tu Jhoothi main makkaar movie?

लव रंजन

How many songs are in Tu Jhoothi main makkaar?

5-6

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