Rani mukharji film Mrs chattarjees v/s Norway :बॉलीवुड की वर्सटाइल एक्सप्रेस में से एक रानी मुखर्जी की अपकमिंग फिल्म मैसेज चटर्जी वर्सेस नार्वे जल्द सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है इस फिल्म एक कपल की सच्ची कहानी को दिखाया गया है यह फिल्म एक ऐसी महिला की कहानी है जिसने अपने बच्चों के लिए पूरे देश से लड़ाई लड़ी|
Rani mukharji film Mrs chattarjees v/s Norway :अपने दो बच्चों की कस्टडी के लिए एक इंडियन कपल ने नॉर्वे की सरकार से टक्कर ली थी. पूरी दुनिया में कस्टडी बैटल को एक दशक से भी ज्यादा समय हो गया| अब इस भारतीय परिवार की कहानी सिल्वर स्क्रीन पर नजर आने वाली है| बता दें कि साल 2011 में नॉर्वे बाल कल्याण सेवा में अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य के दो बच्चों को फास्टर केयर में भेज दिया था| इस बार कपल ने अपने बच्चों को वापस हासिल कर पूरे देश से लड़ाई लड़ी अब रानी मुखर्जी इस फिल्म में इस कपल की रियल लाइफ स्टोरी को दिखाया गया है|

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Rani mukharji film Mrs chattarjees v/s Norway :फिल्म एक कपल की सच्ची कहानी को दिखाया गया है
बॉलीवुड की वर्सटाइल एक्सप्रेस में से एक रानी मुखर्जी की अपकमिंग फिल्म मैसेज चटर्जी वर्सेस नार्वे(Rani mukharji film Mrs chattarjees v/s Norway) जल्द सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है| इस फिल्म एक कपल की सच्ची कहानी को दिखाया गया है यह फिल्म एक ऐसी महिला की कहानी है जिसने अपने बच्चों के लिए पूरे देश से लड़ाई लड़ी फिल्म का पोस्टर भी कुछ दिन पहले रिलीज किया गया था. मोशन पोस्टर में रानी मुखर्जी को एक साहसी महिला के तौर पर दिखाया गया था वह लोग जानना चाहते हैं कि आखिर वह कपल है कौन जिस पर यह फिल्म बनी है उनकी लाइफ स्टोरी क्या है|
Rani mukharji film Mrs chattarjees v/s Norway : नार्वे में मिस्टर एंड मिसेज भट्टाचार्य के साथ क्या हुआ
साल 2011 में नार्वे की चाइल्ड वेलफेयर सर्विसेज ने एक इंडियन कपल अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य के दोनों बच्चों फास्टर केयर और में भेज दिया था. अधिकारियों ने आरोप लगाया था आरोप था कि सागरिका भट्टाचार्य ने एक बार बच्चों को थप्पड़ मारा. अधिकारियों का कहना था कि बच्चों के पास खेलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी. कपल पर अपने बच्चों को ढंग के कपड़े और खेलों में उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद नार्वे की cws ने बच्चों को फास्टर केयर में भेजने का फैसला किया था. यह भी तय किया गया था कि बच्चे 18 साल की उम्र तक फास्टर केयर में ही रहेंगे इस दौरान माता-पिता को बच्चों से मिलने तक की इजाजत नहीं दी गई थी. इसके बाद कपल इस फैसले का काफी विरोध किया काफी 10 साल की लंबी लड़ाई के बाद सरकार ने अपने बच्चों को वापस हासिल किया था. रिलीज होगी 17 मार्च 2023 Read this-अरमान मलिक ने मेहमानों के सामने अपनी प्रेग्नेंट पत्नियों को जड़ा थप्पड़ वीडियो देख हो जाएंगे हैरान|
नार्वे में मिस्टर एंड मिसेज भट्टाचार्य के साथ क्या हुआ
साल 2011 में नार्वे की चाइल्ड वेलफेयर सर्विसेज ने एक इंडियन कपल अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य के दोनों बच्चों फास्टर केयर और में भेज दिया था. अधिकारियों ने आरोप लगाया था आरोप था कि सागरिका भट्टाचार्य ने एक बार बच्चों को थप्पड़ मारा. अधिकारियों का कहना था कि बच्चों के पास खेलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी. कपल पर अपने बच्चों को ढंग के कपड़े और खेलों में उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद नार्वे की cws ने बच्चों को फास्टर केयर में भेजने का फैसला किया था. यह भी तय किया गया था कि बच्चे 18 साल की उम्र तक फास्टर केयर में ही रहेंगे इस दौरान माता-पिता को बच्चों से मिलने तक की इजाजत नहीं दी गई थी.
Rani mukharji film Mrs chattarjees v/s Norway फिल्म कब रिलीज होगी
17 मार्च 2023